मंगलवार, 12 जून 2012

लोकार्पण रपट



पुस्तक लोकार्पण

’जिजीविषा  और अन्य कहानियां’ कथा संग्रह का लोकार्पण

नरेन्द्र ’निर्मल’

उदयपुर ११ मई,२०१२

राजस्थान साहित्य अकादमी एवं राजस्थान साहित्यकार परिषद, कांकरोली के संयुक्त तत्वावधान में साहित्य अकादमी सभागार में एक भव्य समारोह का आयोजन किया गया, जिसमें सुप्रसिद्ध कवि, कथाकार, उपन्यासकार एवं साहित्यिक पत्रिका ’सम्बोधन’ के यशस्वी सम्पादक कमर मेवाड़ी के सद्यः प्रकाशित कथा संग्रह ’जिजीविषा और अन्य कहानियां’  का लोकार्पण राजस्थान साहित्य अकादमी के अध्यक्ष वेद व्यास ने किया. वेद व्यास ने अपने उद्बोधन में कहा कि कमर मेवाड़ी ने पिछले ५५ वर्षों से निरन्तर लेखन से साहित्य के क्षेत्र में अप्रतिम योगदान किया है जिसे विस्मृत नहीं किया जा सकता. आपने यह भी कहा कि हमें वरिष्ठ रचनाकारों के समग्र लेखन पर विमर्श के अवसर आयोजित करने चाहिए.

इस अवसर पर वरिष्ठ कवि एवं चिन्तक प्रो. नंद चतुर्वेदी ने कहा कि रचनाकार के अवदान को भिन्न-भिन्न परिप्रेक्ष्य में देखना एवं उसके रचनाकर्म का मूल्यांकन करना चाहिए. प्रतिष्ठित कथाकार डॉ. राजेन्द्र मोहन भटनागर ने कमर मेवाड़ी के रचनाकर्म एवं सम्पादकीय योगदान को रेखांकित किया. वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. भगवती लाल व्यास, डॉ. महेन्द्र भानावत, डॉ. मंजु चतुर्वेदी और माधव नागदा ने लोकार्पित पुस्तक की कहानियों पर पत्रवाचन के माध्यम से विवेचना प्रस्तुत की.

कथाकार कमर मेवाड़ी ने अपने कथा-संग्रह में उसे ’ऊंचे क़द का आदमी’ कहानी का पाठ किया. संयोजक नरेन्द्र ’निर्मल’ ने कमर मेवाड़ी के संपूर्ण साहित्यिक अवदान एवं ’सम्बोधन’ के माध्यम से किए जा रहे साहित्यिक योगदान को रेखांकित करते हुए उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला.

समारोह के आरंभ में अतिथियों का माल्यार्पण एवं श्रीजी का प्रसाद भेंट कर स्वागत किया गया. मुख्य अतिथि वेद व्यास, विशिष्ट अतिथि डॉ. राजेन्द्र मोहन भटनागर, समारोह अध्यक्ष नंद चतुर्वेदी, कृतिकार क़मर मेवाड़ी और पुस्तक के प्रकाशक शिल्पायन के ललित शर्मा का शाल ओढ़ा कर सम्मान किया गया.

समारोह का आगाज़ प्रसिद्ध गज़लकार शेख हमीद की ग़ज़ल से हुआ, स्वागत उद्बोधन मधुसूदन पांड्या ने दिया और आभार कर्नल देशबंधु आचार्य ने व्यक्त किया. धन्यवाद ज्ञापन अकादमी सचिव डॉ. प्रमोद भट्ट ने किया.

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प्रस्तुति – नरेन्द्र ’निर्मल’
          मो. ०९७९९९९९९१६   

1 टिप्पणी:

ashok andrey ने कहा…

aadarniya Kamar Mewadi jee kii sadhah prakashit pustak "jijivisha tatha anya kahaniyan" ke liye mai unhen badhai deta hoon.